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1857 में अमृतसर के पास अजनाला में 220 से अधिक सैनिकों के भीषण नरसंहार की सच्चाई का पता लगाने में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ को करीब 2 दशकों का समय लगा। यहां जो कुछ हुआ, जानिये उसकी चौंकाने वाली ये कहानी
पानीपत का तीसरा युद्ध जो सन १७६१ में मराठो और अफ़ग़ान शासक अहमद शाह अब्दाली की फौजो के बीच लड़ा गया आज भारत, पाक्सितान और अफ़ग़ानिस्तान मे काफी चर्चा का विषय बन गया है|
इलाहाबाद या प्रयागराज शहर की भारत के इतिहास में एक ख़ास जगह है। प्राचीन काल से लेकर आज़ादी की लड़ाई तक, त्रिवेणी संगम से जुड़े इस शहर ने, भारत के इतिहास और संस्कृति के कई अध्याय देखे हैं।
बर्धमान पश्चिमी बंगाल राज्य के मध्य में बसा वह शहर है जहां मुग़लों से लेकर ब्रिटिश युग तक एक ताक़तवर ज़मींदारी हुआ करती थी जो लाहौर के पंजाबी खतरी थे।
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